राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकडडों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी रही
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकडडों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी रही
भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर का सामना कर रही थी. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली दो तिमाहियों में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट नकारात्मक रही थी. कोरोना काल में लॉकडाउन के प्रभाव से पहली तिमाही में विकास दर 23.9 फीसदी रही थी, जबकि दूसरी तिमाही में यह -7.5 फीसदी दर्ज की गई थी.
दिसंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 0.4 फीसदी की बढ़त हुई है. यानी भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से बाहर निकल गई है. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली दो तिमाहियों में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट नकारात्मक रही थी. अनुमान लगाया गया था कि वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विकास दर 0.5 फीसदी रह सकती है. लेकिन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकडडों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी रही.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकडडों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी रही
वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है. जीडीपी के इन आंकड़ों का सबको बेसब्री से इंतजार था. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के द्वारा ये आंकड़े जारी किए गए. अप्रैल से जनवरी के दौरान राजकोषीय घाटा 12.34 लाख करोड़ रुपये का रहा है. ICICI सिक्यूरिटीज द्वारा 1722 कंपनियों के तिमाही रिजल्ट के डेटा के आधार पर किए गए एक विश्लेषण से भी यह बात सामने आई थी कि इकोनॉमी में तेज सुधार हो रहा है.
जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी रही
जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना संकट की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था गिरावट के दौर में है. इसकी वजह से ही इस वित्त वर्ष की जून में होने वाली पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट आई.
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