बिहार में आए किसानों ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च किया जिसमें किसानों पर लाठियों का प्रयोग कर इसका रास्ता रोक दिया.
PATNA:-बिहार में आए किसानों ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च किया जिसमें किसानों पर लाठियों का प्रयोग कर इसका रास्ता रोक दिया.
दिल्ली में हो रहे किसान आन्दोलन का का असर बिहार (Bihar) में भी दिखने को मिला. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और अन्य लेफ्ट संगठनों के सदस्यों ने राजभवन मार्च आयोजित किया. आज पटना के मशहूर गांधी मैदान से शुरू हुआ और डाक बंगला चौक पर पुलिस ने बैरीकेडिंग और लाठियों का प्रयोग कर किसानों का रास्ता रोक दिया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार इस झड़प में कई लोग घायल हो गए और लाठी चार्ज के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों को दोड़ाया भी. प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द या निरस्त किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दी जाए. सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन ये बैठकें बेनतीजा रहीं. सरकार नए कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने में फिलहाल विफल रही है. अगले दौर की बातचीत के लिए 40 किसान संगठनों के नेताओं को 30 दिसंबर को बुलाया गया है.
बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह (Ashok Prasad Singh) ने कहा कि “हम पिछले 34 दिनों से दिल्ली में बैठे अपने साथी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यहां जुटे हैं”.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि “यह प्रतिबंध भगदड़ जैसे हालातों से बचने के लिए लगाया गया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह उनकी आवाज दबाने का प्रयास है”.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विनय तिवारी (Vinay Tiwari) ने कहा कि “यह निषिद्ध क्षेत्र में था इसलिए उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए, हमने लाठीचार्ज किया”.
जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Chaudhary) ने कहा कि “हमें पूरी उम्मीद है कि कल जो वार्ता होगी, उसमें हम एक समाधान तक पहुंचेंगे. आज देश के अंदर जो करोड़ों किसान हैं वो इस कानून का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि ये कानून किसानों को आज़ादी देने वाला कानून है”.
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