2 साल बाद भी शहीद की पत्नी को नहीं मिले पैसे, पूर्व IAS बोले-शहीद परिवार के साथ धोखा! बेरोजगार क्या चीज है
साल 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश का दिल दहला कर रख दिया था। इस आतंकी हमले में कुल 40 जवान शहीद हुए थे। जिनमें से उत्तर प्रदेश के भी 12 जवान थे।
इसी बीच आगरा से खबर सामने आई है कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए कौशल किशोर रावत का परिवार उनके गांव में शहीद प्रतिमा स्थल के पास धरने पर बैठ गया है।
बताया जाता है कि शहीद कौशल किशोर रावत के परिवार ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि जो पैसा शहीदों के परिवार को मदद के लिए इक्क्ठा किया गया था। उसे मुख्यमंत्री राहत कोष में डाल दिया गया है।
बीते दो साल से हम अपनी मांगों और आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री से लेकर जिला अधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन हमारी कहीं पर भी सुनवाई नहीं हो रही है।
इस मामले में पूर्व आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर योगी सरकार पर तंज कसा है।
उन्होंने लिखा है कि “शहीद के परिवार के साथ भी धोखा, बेरोजगार युवा क्या चीज हैं। पुलवामा शहीद की पत्नी आगरा में धरने पर बैठीं:बोलीं-65 लाख रुपए की मदद 2 साल बाद भी नहीं मिली। मगर शर्म तो आती नहीं।”
सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी ममता रावत ने इस मामले में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, वह धरने से नहीं हटेंगी।
आपको बता दें कि पुलिस और शिक्षकों ने अपना एक दिन का वेतन त्याग कर 65 लाख रुपए जमा किए थे। लेकिन 2 साल बाद भी यह राशि शहीद के परिवार को नहीं दी गई है।
इससे पहले 24 जून को भी शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
ममता रावत का कहना है कि इस राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में क्यों डाला गया है? या तो यह राशि पुलिस और शिक्षकों को वापस की जाए या फिर उनके परिवार को दी जाए।
इसके साथ ही सरकार द्वारा जो जमीन उन्हें देने के लिए घोषित की गई थी उसे भी दिया जाए।
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